
कैसे कह दूं के मुझे महफ़िलों का शौक़ नहीं,
और महफ़िल में भी जाने से मुझे रोक नहीं,
फिर न जाने क्यों मेरा दिल ये सिहर जाता है?
वक़्त तन्हाई की बाँहों में गुज़र जाता है ???
§ 100.7 ऍफ़ एम् रेनबो लखनऊ में रेडियो
जॉकी और प्रसार भारती द्वारा अधिकृत
विज्ञापन एजेन्सी ‘वॉइस प्रोडक्शन’ का
संचालन.
ऑल§ इन्डिया रेडियो में लगभग दो
दशक काम का अनुभव.
इंटरनेशनल अवार्ड–2006
(§AIBD– एशियापैसिफिक इंस्टिट्यूट
फॉर ब्रोडकास्ट डेवलोप्मेंट) का
प्रथम पुरस्कार –इन्नोवेटिव मुज़िकल
रेडियो कार्टून डॉक्युमेंटरी “शाबाश बंटी”
(Well Done Banty).
इसी डॉक्युमेंटरी के लिए प्रोग्राम एंड
§ टेक्नीकलएक्सीलेंस आकाशवाणी
वार्षिक पुरस्कार–2005
(इन्नोवेटिव कैटगरी) –
प्रथम पुरस्कार – (लेखन हेतु).
एच आई वी+ व्यक्तियों पर आधारित
§ अन्य रूपक“अभिप्रयास”
(Persistent Effort ) को
आकाशवाणी वार्षिक पुरस्कार–
2005 (मेरिट पुरस्कार).
आकाशवाणी लखनऊ और
रेडियो जर्मनी के संयुक्त प्रोजेक्ट
में कार्य का अवसर, जिसके लिए
डायचे वेल्ले (रेडियो जर्मनी)
द्वारा सराहना एवं प्रशस्ति पत्र.
(§Based on Gender Equality
and Human Rights - October 2006).
प्रसिद्द कथक डांसर डॉक्टर
§ प्रसार भारती द्वारा अप्रूव ड्रामा आर्टिस्ट.§
प्रतिष्ठित समाचार पत्र- पत्रिकाओं
में नियमित लेखन.
§ उ0 प्र0 संगीत नाट्क अकाद्मी
में रेडिओ जोकी कोर्स का अध्यापन्।
5 टिप्पणियां:
वाह !!! क्या बात है भाई अनवारुल जी ।
wah kya baat hai
hi! mehfilon main jaane se tanhai jaroor door hoti hai per kuch log mehfil main bhi tanha rahte hai hain.
bhaijaan tanhai high school karne ke baad hi door hogi, waise mehfil to aapke aane sajti hai........shaba khair
hi! anwarul ji! aajkal aapki rachnayen nahi padhne ko mil rahi hain,kyon?
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